द गर्ल इन रूम 105
लोगों से पंगा ले रहे हो।"
हम अपने रूम में ब्रेड पर बैठे थे और हमने चादर ओढ़ी हुई थी। "तुम्हें कैसे मालूम कि 'एस' वही है?' सौरभ ने कहा।
'अभी पता कर लेते हैं, मैंने कहा और नंबर डायल कर दिया। हर रिंग के साथ मेरे दिल की धड़कन और
तेज़ होती जा रही थी। लेकिन किसी ने फ़ोन नहीं उठाया। दस रिंग जाने के बाद मैंने फ़ोन काटा और सिर हिला दिया।
'कोई जवाब नहीं?" सौरभ ने कहा। "हो।"
'और इसी के साथ जारा लोन इंवेस्टिगेशन का अंत होता है। गुड नाइट सौरभ ने बेड में पसरते हुए कहा।
"मैं एक बार फिर ट्राय करूंगा, मैंने कहा और फिर से नंबर लगाया। इस बार भी किसी ने जवाब नहीं 'कोशिश करते रहो। कोई भी फोन नहीं उठाएगा, उसने चादर के अंदर से कहा । "भाई, वैसे किसी दूसरे दिया।
विषय पर बात करें तो जैसे मैंने तुम्हें बताया था, तुमने टिंडर द्वारा किया? उसमें मैंने उसकी बात को अनसुना करके फ़ोन एक तरफ रख दिया।
जाती है।"
* अपने रूम में जाकर सो जाओ, सौरभ, ' मैंने कहा।
"नहीं भाई, ये टेररिस्टों की बात के बाद अब मुझे अकेले सोने में डर लग रहा है।'
'गोलू, अपना साइज़ तो देखो, तुम्हें डरने की क्या ज़रूरत है?" सौरभ ने कोई जवाब नहीं दिया और सोने का बहाना करता रहा।
मैंने बेडसाइड लैंप बंद कर दिया, बेड पर लेट गया और छत के पंखे की गहरे रंग वाली आउटलाइन्स को घूरने लगा। मेरे दिमाग में एक के बाद एक विचार उमड़ रहे थे। क्या में सच में जारा को जानता था? क्या मैं एक ऐसी लड़की के लिए दीवाना था जिसकी असलियत कुछ और ही थी? या क्या वह ब्रेकअप के बाद बदल गई थी?